SQL - Complete Course in 3 Hours | SQL One Shot using MySQL
By Apna College
TechnologyEducation
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Key Concepts
- डेटाबेस (Database): डेटा का संग्रह, जिसे आसानी से एक्सेस, मैनेज और अपडेट किया जा सकता है।
- डीबीएमएस (DBMS): डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम, एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन जो डेटाबेस को मैनेज करने में मदद करता है।
- रिलेशनल डेटाबेस (Relational Database): डेटाबेस जहां डेटा टेबल्स के रूप में स्टोर होता है।
- नॉन-रिलेशनल डेटाबेस (Non-Relational Database): डेटाबेस जहां डेटा टेबल्स के रूप में स्टोर नहीं होता है (NoSQL)।
- एसक्यूएल (SQL): स्ट्रक्चर्ड क्वेरी लैंग्वेज, डेटाबेस के साथ इंटरेक्ट करने के लिए उपयोग की जाने वाली भाषा।
- क्रड ऑपरेशंस (CRUD Operations): डेटाबेस पर किए जा सकने वाले चार मुख्य ऑपरेशन: क्रिएट, रीड, अपडेट, डिलीट।
- स्कीमा (Schema): डेटाबेस का डिजाइन, जिसमें कॉलम्स और उनके डेटा टाइप्स शामिल होते हैं।
- डेटा टाइप्स (Data Types): कॉलम में स्टोर किए जा सकने वाले डेटा का प्रकार (जैसे, इंटीजर, टेक्स्ट, डेट)।
- कंस्ट्रेंट्स (Constraints): कॉलम में स्टोर किए जा सकने वाले डेटा पर नियम (जैसे, नॉट नल, यूनिक, प्राइमरी की)।
- कीज़ (Keys): टेबल्स में स्पेशल कॉलम्स जो डेटा को यूनिकली आइडेंटिफाई करते हैं या टेबल्स के बीच रिलेशनशिप बनाते हैं (प्राइमरी की, फॉरेन की)।
- क्लॉज़ (Clause): एसक्यूएल क्वेरी में अतिरिक्त कंडीशन या फ़िल्टर (जैसे, WHERE, ORDER BY, LIMIT)।
- एग्रीगेट फंक्शंस (Aggregate Functions): फंक्शंस जो कई वैल्यूज पर कैलकुलेशन करते हैं और एक सिंगल वैल्यू रिटर्न करते हैं (जैसे, COUNT, MAX, MIN, AVG, SUM)।
- ग्रुप बाय (GROUP BY): क्लॉज़ जो समान वैल्यूज के आधार पर रोज को ग्रुप करता है।
- हैविंग (HAVING): क्लॉज़ जो ग्रुप्स पर कंडीशन अप्लाई करता है।
- जॉइंट्स (Joins): दो या अधिक टेबल्स से डेटा को कंबाइन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले ऑपरेशन (इनर जॉइन, लेफ्ट जॉइन, राइट जॉइन, फुल जॉइन)।
- यूनियन (UNION): दो या अधिक सिलेक्ट स्टेटमेंट्स के रिजल्ट सेट को कंबाइन करने के लिए उपयोग किया जाने वाला ऑपरेशन।
- सबक्वेरी (Subquery): एक एसक्यूएल क्वेरी जो किसी अन्य एसक्यूएल क्वेरी के अंदर लिखी जाती है।
- व्यू (View): एक वर्चुअल टेबल जो एक क्वेरी के रिजल्ट को स्टोर करती है।
- कैस्केडिंग (Cascading): एक टेबल में बदलाव होने पर दूसरी टेबल में ऑटोमेटिक बदलाव होना (ऑन डिलीट कैस्केड, ऑन अपडेट कैस्केड)।
डेटाबेस और डीबीएमएस
- डेटाबेस डेटा का संग्रह है, जैसे कि गूगल, फेसबुक और अपना कॉलेज के पास मौजूद डेटा।
- डीबीएमएस एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है जो डेटाबेस को मैनेज करने में मदद करता है।
- उपयोगकर्ता सीधे डेटाबेस को एक्सेस नहीं करते हैं, बल्कि डीबीएमएस के माध्यम से इंटरेक्ट करते हैं।
- डीबीएमएस दो प्रकार के होते हैं: रिलेशनल (टेबल्स का उपयोग करके डेटा स्टोर करते हैं) और नॉन-रिलेशनल (टेबल्स का उपयोग नहीं करते हैं)।
- रिलेशनल डीबीएमएस के उदाहरण: MySQL, Oracle, Microsoft SQL Server।
- नॉन-रिलेशनल डीबीएमएस का उदाहरण: MongoDB।
- इस कोर्स में, MySQL पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
एसक्यूएल
- एसक्यूएल एक प्रोग्रामिंग भाषा है जिसका उपयोग रिलेशनल डेटाबेस के साथ इंटरेक्ट करने के लिए किया जाता है।
- एसक्यूएल का उपयोग क्रड ऑपरेशंस (क्रिएट, रीड, अपडेट, डिलीट) करने के लिए किया जाता है।
- एसक्यूएल को "एसक्यूएल" या "सीक्वल" कहा जा सकता है, दोनों ही सही हैं।
- एसक्यूएल केस-सेंसिटिव नहीं है, लेकिन कमांड्स को कैपिटल में लिखना बेहतर है।
इंस्टॉलेशन
- MySQL को मैक और विंडोज दोनों सिस्टम पर इंस्टॉल किया जा सकता है।
- MySQL वर्कबेंच एक टूल है जिसका उपयोग MySQL सर्वर को मैनेज करने के लिए किया जाता है।
- इंस्टॉलेशन के बाद, एक कनेक्शन बनाया जा सकता है और टेस्ट किया जा सकता है।
- वर्कबेंच में क्वेरी लिखने, एडमिनिस्ट्रेशन और स्कीमा देखने के लिए अलग-अलग सेक्शन होते हैं।
डेटाबेस स्ट्रक्चर
- डेटाबेस में टेबल्स होती हैं, और टेबल्स में कॉलम्स और रोज होती हैं।
- कॉलम डेटा का स्ट्रक्चर (स्कीमा) बताते हैं, जबकि रोज इंडिविजुअल डेटा बताती हैं।
- टेबल्स के बीच इंटररिलेटेड डेटा स्टोर किया जाता है।
बेसिक एसक्यूएल कमांड्स
- CREATE DATABASE: एक नया डेटाबेस बनाता है।
CREATE DATABASE IF NOT EXISTS database_name;
(यदि डेटाबेस पहले से मौजूद नहीं है तो ही बनाएँ)
- DROP DATABASE: एक डेटाबेस को डिलीट करता है।
DROP DATABASE IF EXISTS database_name;
(यदि डेटाबेस मौजूद है तो ही डिलीट करें)
- USE: एक डेटाबेस को उपयोग के लिए सेलेक्ट करता है।
USE database_name;
- SHOW DATABASES: सर्वर पर सभी डेटाबेस दिखाता है।
SHOW DATABASES;
- SHOW TABLES: वर्तमान डेटाबेस में सभी टेबल्स दिखाता है।
SHOW TABLES;
- CREATE TABLE: एक नई टेबल बनाता है।
CREATE TABLE table_name (column1 datatype constraint, column2 datatype constraint, ...);
- DROP TABLE: एक टेबल को डिलीट करता है।
DROP TABLE table_name;
- INSERT INTO: टेबल में डेटा इंसर्ट करता है।
INSERT INTO table_name (column1, column2, ...) VALUES (value1, value2, ...);
- SELECT: टेबल से डेटा सेलेक्ट करता है।
SELECT * FROM table_name;
(सभी कॉलम सेलेक्ट करें)SELECT column1, column2 FROM table_name;
(विशिष्ट कॉलम सेलेक्ट करें)
- DISTINCT: डुप्लीकेट वैल्यूज को हटाकर यूनिक वैल्यूज दिखाता है।
SELECT DISTINCT column_name FROM table_name;
- WHERE: कंडीशन के आधार पर डेटा को फ़िल्टर करता है।
SELECT * FROM table_name WHERE condition;
- UPDATE: टेबल में डेटा अपडेट करता है।
UPDATE table_name SET column1 = value1, column2 = value2 WHERE condition;
- DELETE FROM: टेबल से डेटा डिलीट करता है।
DELETE FROM table_name WHERE condition;
- TRUNCATE TABLE: टेबल से सभी डेटा को डिलीट करता है, लेकिन टेबल को नहीं हटाता।
TRUNCATE TABLE table_name;
डेटा टाइप्स
- CHARACTER (CHAR): फिक्स्ड लेंथ स्ट्रिंग स्टोर करता है।
- VARCHAR (VARCHAR): वेरिएबल लेंथ स्ट्रिंग स्टोर करता है।
- BLOB: बड़ी स्ट्रिंग्स स्टोर करता है।
- INT (INTEGER): इंटीजर वैल्यूज स्टोर करता है।
- TINYINT, MEDIUMINT, BIGINT: इंटीजर के अलग-अलग साइज़।
- BIT: बिट वैल्यूज स्टोर करता है।
- FLOAT: डेसिमल वैल्यूज स्टोर करता है।
- DOUBLE: बड़ी डेसिमल वैल्यूज स्टोर करता है।
- BOOLEAN: ट्रू या फाल्स वैल्यूज स्टोर करता है।
- DATE: डेट वैल्यूज स्टोर करता है।
- SIGNED/UNSIGNED: न्यूमेरिक डेटा टाइप्स के लिए, साइंड नेगेटिव और पॉजिटिव वैल्यूज स्टोर कर सकता है, जबकि अनसाइंड केवल पॉजिटिव वैल्यूज स्टोर कर सकता है।
एसक्यूएल कमांड टाइप्स
- डीडीएल (DDL): डेटा डेफिनेशन लैंग्वेज (CREATE, DROP, ALTER, RENAME, TRUNCATE)।
- डीक्यूएल (DQL): डेटा क्वेरी लैंग्वेज (SELECT)।
- डीएमएल (DML): डेटा मैनिपुलेशन लैंग्वेज (INSERT, UPDATE, DELETE)।
- डीसीएल (DCL): डेटा कंट्रोल लैंग्वेज (GRANT, REVOKE)।
- टीसीएल (TCL): ट्रांजैक्शन कंट्रोल लैंग्वेज (COMMIT, ROLLBACK)।
कंस्ट्रेंट्स
- NOT NULL: कॉलम में नल वैल्यूज की अनुमति नहीं देता।
- UNIQUE: कॉलम में डुप्लीकेट वैल्यूज की अनुमति नहीं देता।
- PRIMARY KEY: कॉलम को यूनिक और नॉट नल बनाता है।
- FOREIGN KEY: दो टेबल्स के बीच रिलेशनशिप बनाता है।
- DEFAULT: कॉलम के लिए डिफ़ॉल्ट वैल्यू सेट करता है।
- CHECK: कॉलम में स्टोर किए जा सकने वाले डेटा पर कंडीशन लगाता है।
क्लॉज़
- WHERE: कंडीशन के आधार पर डेटा को फ़िल्टर करता है।
- ORDER BY: एक या अधिक कॉलम के आधार पर डेटा को सॉर्ट करता है।
ASC
(असेंडिंग) याDESC
(डिसेंडिंग) ऑर्डर में सॉर्ट किया जा सकता है।
- LIMIT: रिटर्न की जाने वाली रोज की संख्या को सीमित करता है।
- GROUP BY: समान वैल्यूज के आधार पर रोज को ग्रुप करता है।
- HAVING: ग्रुप्स पर कंडीशन अप्लाई करता है।
ऑपरेटर्स
- एरिथमेटिक ऑपरेटर्स: +, -, *, /, % (मॉड्यूल्स)।
- कंपैरिजन ऑपरेटर्स: =, !=, >, <, >=, <=।
- लॉजिकल ऑपरेटर्स: AND, OR, NOT, BETWEEN, IN, LIKE।
- बिटवाइज़ ऑपरेटर्स: &, |, ^, ~, <<, >>।
एग्रीगेट फंक्शंस
- COUNT(): रोज की संख्या गिनता है।
- MAX(): अधिकतम वैल्यू रिटर्न करता है।
- MIN(): न्यूनतम वैल्यू रिटर्न करता है।
- AVG(): औसत वैल्यू रिटर्न करता है।
- SUM(): सभी वैल्यूज का योग रिटर्न करता है।
जॉइंट्स
- INNER JOIN: दोनों टेबल्स में मैचिंग वैल्यूज वाले रिकॉर्ड्स रिटर्न करता है।
- LEFT JOIN (LEFT OUTER JOIN): लेफ्ट टेबल से सभी रिकॉर्ड्स और राइट टेबल से मैचिंग रिकॉर्ड्स रिटर्न करता है।
- RIGHT JOIN (RIGHT OUTER JOIN): राइट टेबल से सभी रिकॉर्ड्स और लेफ्ट टेबल से मैचिंग रिकॉर्ड्स रिटर्न करता है।
- FULL JOIN (FULL OUTER JOIN): जब भी लेफ्ट या राइट टेबल में मैच होता है तो सभी रिकॉर्ड्स रिटर्न करता है (MySQL में UNION के साथ एमुलेटेड)।
- SELF JOIN: एक टेबल को खुद से जॉइन करता है।
यूनियन
- UNION: दो या अधिक सिलेक्ट स्टेटमेंट्स के रिजल्ट सेट को कंबाइन करता है, डुप्लीकेट्स को हटाता है।
- UNION ALL: दो या अधिक सिलेक्ट स्टेटमेंट्स के रिजल्ट सेट को कंबाइन करता है, डुप्लीकेट्स को शामिल करता है।
सबक्वेरी
- एक एसक्यूएल क्वेरी जो किसी अन्य एसक्यूएल क्वेरी के अंदर लिखी जाती है।
- WHERE, FROM, या SELECT क्लॉज़ में उपयोग किया जा सकता है।
व्यूज
- वर्चुअल टेबल्स जो एक क्वेरी के रिजल्ट को स्टोर करती हैं।
- डेटा को सरल बनाने या एक्सेस को प्रतिबंधित करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
कैस्केडिंग
- एक टेबल में बदलाव होने पर दूसरी टेबल में ऑटोमेटिक बदलाव होना (ऑन डिलीट कैस्केड, ऑन अपडेट कैस्केड)।
प्रैक्टिस क्वेश्चन
- एक डेटाबेस बनाएँ।
- एक टेबल बनाएँ।
- टेबल में डेटा डालें।
- डेटा को सेलेक्ट और देखें।
कंक्लूज़न
यह कोर्स एसक्यूएल के सभी पहलुओं को कवर करता है, जिसमें डेटाबेस और टेबल्स बनाना, डेटा डालना और अपडेट करना, क्वेरीज लिखना और जॉइंट्स और सबक्वेरी का उपयोग करना शामिल है। यह कोर्स एसक्यूएल के साथ काम करने के लिए एक ठोस आधार प्रदान करता है।
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