SKYROCKET your Productivity by following Brahmacharya Routine #motivation
By Vineet Khatri
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ब्रह्मचर्य: परम रूटीन - विनीत खत्री
Key Concepts: ब्रह्मचर्य, कंसिस्टेंसी, सेल्फ-डिसिप्लिन, सात्विक डाइट, डिस्ट्रैक्शन मैनेजमेंट, स्पिरिचुअल पॉजिटिविटी, ब्रह्म मूरत, सेल्फ-कंट्रोल, मेंटल रीवायरिंग, सत्संग।
1. ब्रह्मचर्य क्या है और क्यों फॉलो करना चाहिए?
- ब्रह्मचर्य का अर्थ केवल सेलिबेसी नहीं है, बल्कि अपने विचारों, कार्यों और इच्छाओं पर सेल्फ-कंट्रोल रखना है।
- भगवत गीता (अध्याय 6, श्लोक 14) के अनुसार, ब्रह्मचर्य में स्थिर रहने वाला मन को वश में कर लेता है और परम शांति और आनंद प्राप्त करता है।
- फायदे:
- माइंड शार्प होता है (फोकस और कंसंट्रेशन बढ़ता है)।
- डिस्ट्रैक्शंस और प्रोक्रेस्टिनेशन कम होते हैं।
- एनर्जी हाई रहती है और बॉडी स्ट्रांग बनती है।
2. ब्रह्मचर्य रूटीन के पांच की वेदिक प्रिंसिपल्स
2.1. ब्रह्म मूरत की शक्ति का उपयोग
- ब्रह्म मूरत: सूर्योदय से लगभग दो घंटे पहले का समय। इस समय जागना सर्वोत्तम है।
- वैज्ञानिक कारण:
- कॉर्टिसोल का स्राव बढ़ता है, जिससे माइंड की अलर्टनेस बढ़ती है।
- ऑक्सीजन लेवल्स हाईएस्ट होते हैं, जो ब्रेन की फंक्शनिंग को ऑप्टिमम करते हैं।
- डिस्ट्रैक्शंस कम होते हैं क्योंकि ज्यादातर लोग सो रहे होते हैं।
- एक्शन प्लान:
- 10:30 PM तक सो जाएं और सुबह 5:00 बजे उठें।
- सोने से एक घंटा पहले और उठने के 1 घंटे बाद तक फोन का उपयोग न करें।
- दिन में 20-30 मिनट का पावर नैप (1:00 बजे से 4:00 बजे के बीच) ले सकते हैं।
2.2. ब्रह्म भोजन का मैजिक: सात्विक डाइट
- "जैसा अन्न वैसा मन" - जैसा खाओगे वैसा ही बन जाओगे।
- राजसिक और तामसिक भोजन (स्पाइसी, ऑयली, प्रोसेस्ड फूड, नॉनवेज) माइंड को अनजी, लेथार्जिक और रेस्टलेस करते हैं।
- सात्विक डाइट एनर्जी और सेल्फ-कंट्रोल को बूस्ट करती है।
- भगवत गीता (अध्याय 17, श्लोक 8) के अनुसार, जो भोजन हैप्पीनेस, प्योरिटी और स्ट्रेंथ को बढ़ाता है, वही सात्विक है।
- सात्विक डाइट में शामिल करें: फ्रेश फ्रूट्स, ग्रेंस, दाल, घर का सिंपल खाना, मिल्क एंड डेरी प्रोडक्ट्स, नट्स।
- खाने से पहले क्रिएटर/भगवान को याद करें, जिससे भोजन प्रसाद बन जाता है और डिवाइन एनर्जी मिलती है।
- एक्शन प्लान:
- सुबह 9:00 बजे से पहले हैवी ब्रेकफास्ट करें।
- दिन में फ्रूट्स और नट्स लें।
- शाम को 7:00 बजे के आसपास खाना खा लें।
- गार्लिक और अनियन का उपयोग कम करें।
- कैफीन और शुगर का इंटेक मिनिमाइज करें।
2.3. डिस्ट्रैक्टर से कैसे बचें?
- टॉक्सिक एटमॉस्फियर, गलत फ्रेंड्स और गलत कंटेंट ब्रह्मचर्य के पालन में बाधा डालते हैं।
- समाधान:
- सोशल डायटिंग करें - वही कंटेंट देखें जो लाइफ में आगे बढ़ाए।
- फोकस को हायर पर्पस और गोल्स पर शिफ्ट करें।
- मेंटल रीवायरिंग करें - भगवत गीता पढ़ें और श्लोकों को जीवन में लागू करें।
- भगवत गीता (अध्याय 2, श्लोक 70) के अनुसार, वाइज और स्ट्रांग इंसान वह है जो डिजायर्स के फ्लो से डिस्टर्ब नहीं होता।
- एक्शन प्लान:
- यूजलेस सोशल मीडिया स्क्रोलिंग बंद करें।
- भगवत गीता पढ़ें और उसके श्लोकों को जीवन में उतारें।
2.4. दिन का बेस्ट यूज और एनर्जी ऑप्टिमाइजेशन
- दिन को तीन हिस्सों में बांटें (6 AM - 6 PM)।
- सुबह (6 AM - 10 AM): पावर पैक्ड समय। एक्सरसाइज, नाम जप, मेडिटेशन, और नए कांसेप्ट को स्टडी करें।
- मिडडे (10 AM - 2 PM): टफ टास्क करें, क्वेश्चंस सॉल्व करें और डिसीजन मेकिंग करें।
- आफ्टरनून (2 PM - 6 PM): क्रिएटिविटी और ब्रेन स्टॉर्मिंग के लिए अच्छा समय।
- एक्शन प्लान:
- सुबह 6:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक का समय गोल्डन पीरियड है।
- बीच-बीच में नाम जप या मेडिटेशन के ब्रेक लें।
2.5. स्पिरिचुअल पॉजिटिविटी
- मनुष्य का अल्टीमेट एम यह जानना है कि वह कौन है और उसका क्रिएटर कौन है।
- सत्संग की आवश्यकता होती है - महापुरुषों की वाणी सुनने से हृदय और माइंड पर सीधा प्रभाव पड़ता है और शांति मिलती है।
- अनुशंसित संत: स्वामी सर्वप्रिया आनंदा, स्वामी मुकुंदा नंदा, आनंदमई मां, नीम करोली बाबा, स्वामी विवेकानंद।
- भगवत गीता जरूर पढ़ें।
- सत्संग नेगेटिविटी और ओवर थिंकिंग को दूर करता है।
3. निष्कर्ष
ब्रह्मचर्य केवल सेलिबेसी नहीं है, बल्कि सेल्फ-मास्टरी का टूल है जो आपको अनस्टॉपेबल बनाता है। यह एक ऐसी हैबिट है जो एवरेज बंदे को भी एक्स्ट्राऑर्डिनरी बना सकती है।
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