From me to we - the adventure of being a big sister | Zara Hirani | TEDxTheArdeeSchoolNFC

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मुख्य अवधारणाएँ

  • एकल बच्चे से बड़ी बहन बनने का सफर: एक बच्चे के रूप में ध्यान का केंद्र होने से लेकर एक बड़े भाई-बहन की भूमिका निभाने तक का भावनात्मक और व्यावहारिक परिवर्तन।
  • पारिवारिक प्रेम का विस्तार: यह विचार कि परिवार में एक नए सदस्य के आने से प्यार कम नहीं होता, बल्कि बढ़ता है और गहरा होता है।
  • भाई-बहन का रिश्ता: एक भाई या बहन के साथ बनने वाले अद्वितीय बंधन, जिसमें शरारत, समर्थन और आजीवन दोस्ती शामिल है।
  • जिम्मेदारी और सशक्तिकरण: बड़े भाई-बहन की भूमिका निभाने से मिलने वाली शक्ति, प्रेम और महत्व की भावना।

एकल बच्चे से बड़ी बहन बनने तक का सफर

ज़ारा हिरानी, आरडी स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा, अपनी व्यक्तिगत यात्रा साझा करती हैं कि कैसे वह परिवार में इकलौती संतान होने से एक बड़ी बहन बनीं। वह इस अनुभव को "फ्रॉम ओनली मी टू वी" (केवल मैं से हम तक) के रूप में वर्णित करती हैं और कहती हैं कि "परिवार का प्यार जीवन का सबसे बड़ा आशीर्वाद है।"

लंबे समय तक, ज़ारा अपने परिवार में ध्यान का केंद्र थीं – हर गले लगने, हर कहानी और हर मज़ाकिया पल का दिल। जब उनके माता-पिता ने उनसे पूछा कि क्या वह एक छोटा भाई या बहन चाहेंगी, तो उनका जवाब तुरंत और ज़ोर से "नहीं" था। उस समय, उन्हें लगा कि दुनिया उनका "ताज" छीनने की कोशिश कर रही है, और उन्हें डर था कि वह अपने माता-पिता और दादा-दादी के लिए अदृश्य हो जाएंगी या उनका प्यार कम हो जाएगा।

एक शाम, उनके माता-पिता ने उन्हें बताया कि वह एक बड़ी बहन बनने वाली हैं। इस खबर ने ज़ारा के दिल को एक साथ डूबने और उछलने का एहसास कराया। अगले आठ महीने आशा और भय के बीच झूलते रहे। कभी वह उत्साहित होकर अपनी माँ के पेट पर अपना चेहरा दबातीं और अपने आने वाले भाई-बहन के साथ खेलने के सपने देखतीं, तो कभी वह अकेले प्यार पाने के "केवल 100 और दिन, केवल 50 और दिन, बस 20 और दिन" गिनकर चिंतित होतीं।


अल्ट्रासाउंड और विहान का आगमन

एक दिन, उनकी माँ उन्हें अल्ट्रासाउंड अपॉइंटमेंट पर ले गईं। जब ज़ारा ऊबने वाली थीं, तो डॉक्टर ने उन्हें मॉनिटर पर उनके भाई-बहन की "एक छोटी सी आकृति को मम्मा के पेट के अंदर नाचते हुए" दिखाया, जैसे "क्रिसमस पर एक रेडी।" इस पल ने ज़ारा का दृष्टिकोण बदल दिया। इसके बाद, वह लगातार अपनी माँ के पेट को छूती रहतीं और हर किक या हलचल पर हंसतीं, यह सोचकर कि उनकी माँ इस "छोटे बंदर" को पूरे दिन कैसे संभाल रही हैं।

फिर, एक जादुई सुबह, उनके छोटे भाई, विहान हिरानी का आगमन हुआ। ज़ारा ने गर्व से उसका नाम लिया और उसके जन्म की घोषणा भी लिखी: "दो और छोटे हाथ, दो और छोटे पैर। अब हमारा परिवार पूरा हो गया है। मेरे छोटे भाई विहान हिरानी से मिलिए।"


विहान के साथ प्रारंभिक चुनौतियाँ और विकसित होता रिश्ता

शुरुआती कुछ हफ़्ते "दिलचस्प, या मुझे कहना चाहिए, पूपिंग (शौच) वाले" थे। विहान की दिनचर्या "दूध पियो, पूप करो। फिर दूध पियो, फिर पूप करो" थी, जिससे ज़ारा को मज़ाकिया तौर पर लगा कि वह एक "छिपी हुई पूप मशीन" के साथ आया है।

लेकिन धीरे-धीरे, जादू शुरू हुआ। विहान बड़ा होने लगा, उसके घुंघराले बाल आ गए, और ज़ारा हर दिन उनके साथ खेलतीं। उन्हें लगा जैसे एक बंधन धीरे-धीरे बुना जा रहा है। आज, विहान तीन साल का है, और ज़ारा खुद को "नेगोशिएटर (बातचीत करने वाली), फिक्सर (समस्या सुलझाने वाली), बॉस" मानती हैं। जब विहान दूसरों की नहीं सुनता, तो वह ज़ारा की सुनता है। यह भूमिका ज़ारा को "शक्तिशाली, प्रिय और महत्वपूर्ण" महसूस कराती है।

जन्म के बाद से, ज़ारा हर सुबह विहान को एक ही शब्दों से बधाई देती हैं: "गुड मॉर्निंग, आई लव यू। राइज़ एंड शाइन, गुड मॉर्निंग माय सनशाइन।" अब विहान भी उन्हें वापस बधाई देने की कोशिश करता है, कभी बुदबुदाते हुए, कभी भूलते हुए, लेकिन हमेशा कोशिश करते हुए। वह ज़ारा को कसकर गले लगाता है और उन्हें "ज़वा" कहता है, और "आई लव यू" के बजाय "आई पॉप यू" फुसफुसाता है, जिसे ज़ारा अपनी "सीक्रेट मेलोडी" कहती हैं।

यह रिश्ता हमेशा सही नहीं होता। विहान कभी-कभी काटता है, हमला करता है, पिल्ला होने का नाटक करता है, और यहां तक कि नींद में भी ज़ारा को मुक्का मारता है। ज़ारा मज़ाकिया तौर पर कहती हैं कि अगर कोई उन्हें काली आँख के साथ देखे, तो यह कराटे क्लास से नहीं, बल्कि "विहान की ड्रीम वर्ल्ड" से है।


मुख्य सीख और निष्कर्ष

ज़ारा ने एक महत्वपूर्ण सबक सीखा है: "प्यार कोई केक नहीं है जो बांटने पर छोटा हो जाता है। यह एक आग है जो जितना अधिक आप इसे फैलाते हैं, उतनी ही तेज़ी से बढ़ती है। परिवार तब नहीं सिकुड़ता जब कोई नया आता है, यह फैलता है, ठीक वैसे ही जैसे आपका दिल फैलता है।" इकलौती संतान होना अद्भुत था, लेकिन एक बड़ी बहन बनना "असली रोमांच" है।

ज़ारा का संदेश उन सभी के लिए है जो सोचते हैं कि क्या भाई-बहन होना वास्तव में इसके लायक है: "हाँ। हज़ार बार हाँ।" क्योंकि आपको सिर्फ एक भाई या बहन नहीं मिलता, आपको "अपराध में एक साथी, रोने में एक साथी, एक हमेशा के लिए दोस्त मिलता है जो हमेशा आपके साथ रहेगा।" ज़ारा को "घुंघराले बालों वाला, शरारती, प्यारा छोटा भाई विहान" मिला है, जिसे वह प्यार से "माई लिटिल वी" कहती हैं।


निष्कर्ष

ज़ारा हिरानी का अनुभव एक इकलौती संतान के रूप में अपनी पहचान के प्रारंभिक भय और अनिश्चितता से लेकर एक बड़ी बहन के रूप में गहरे प्रेम, जिम्मेदारी और सशक्तिकरण की भावना तक के परिवर्तनकारी सफर को दर्शाता है। यह कहानी इस बात पर ज़ोर देती है कि परिवार में एक नए सदस्य का आगमन प्यार को कम नहीं करता, बल्कि उसे बढ़ाता है, जिससे जीवन में एक नया आयाम और एक आजीवन, अमूल्य बंधन जुड़ता है।

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