Complete Ancient History For RI ARI AMIN, ICDS Supervisor, SFS 2024 By Ashok Sir
By Adda247 Odia
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Key Concepts
- इंडस वैली सिविलाइजेशन (सिंधु घाटी सभ्यता)
- हड़प्पा सभ्यता
- मोहनजोदड़ो
- दयाराम साहनी
- आर.डी. बनर्जी
- लोथल
- कालीबंगा
- धौलावीरा
- टाउन प्लानिंग
- ग्रेट बाथ
- बुद्धिज्म
- गौतम बुद्ध
- महापरिनिर्वाण
- धर्म चक्र प्रवर्तन
- अष्टांगिक मार्ग
- त्रिरत्न
- बौद्ध संगतियाँ (Buddhist Councils)
- जैन धर्म
- महावीर
- त्रिरत्न (जैन धर्म)
- मौर्य राजवंश
- चंद्रगुप्त मौर्य
- बिन्दुसार
- अशोक
- कलिंग युद्ध
- धम्म
- मेगास्थनीज
- अर्थशास्त्र
- गुप्त राजवंश
- श्री गुप्त
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य)
- कुमारगुप्त
- नालंदा विश्वविद्यालय
- स्कंदगुप्त
- कालिदास
- आर्यभट्ट
इंडस वैली सिविलाइजेशन (सिंधु घाटी सभ्यता)
- परिचय: इंडस वैली सिविलाइजेशन, जिसे हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण भाग है। यह सिंधु नदी के किनारे विकसित हुई थी।
- खोज: 1921 में दयाराम साहनी ने हड़प्पा की खोज की, जिसके बाद 1922 में आर.डी. बनर्जी ने मोहनजोदड़ो की खोज की। जॉन मार्शल उस समय आर्कियोलॉजिकल डिपार्टमेंट के हेड थे।
- नामकरण: हड़प्पा पहला खोजा गया स्थल था, इसलिए इसे हड़प्पा सभ्यता कहा गया। इसे सरस्वती-सिंधु सभ्यता भी कहा जाता है।
- महत्वपूर्ण स्थल:
- हड़प्पा: रावी नदी के किनारे, पंजाब (पाकिस्तान) में स्थित।
- मोहनजोदड़ो: सिंधु नदी के किनारे, पाकिस्तान में स्थित। यहां ग्रेट बाथ (विशाल स्नानागार) मिला था।
- चन्हुदड़ो: यहां मनके बनाने का कारखाना मिला था।
- कालीबंगा: राजस्थान में स्थित, यहां हल से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले।
- लोथल: गुजरात में स्थित, यह एक महत्वपूर्ण बंदरगाह था। यहां मानव निर्मित बंदरगाह मिला।
- धौलावीरा: गुजरात में स्थित, यह अपनी टाउन प्लानिंग और वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए प्रसिद्ध है। इसे यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा मिला है। आर.एस. बिष्ट और जे.पी. जोशी ने इसकी खोज की।
- टाउन प्लानिंग: इंडस वैली सिविलाइजेशन अपनी टाउन प्लानिंग, ड्रेनेज सिस्टम और यूनिफॉर्म वेट और मेज़रमेंट के लिए जानी जाती है।
बुद्धिज्म (बौद्ध धर्म)
- गौतम बुद्ध: बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध थे, जिनका जन्म लुंबिनी में हुआ था। उनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था।
- महापरिनिर्वाण: गौतम बुद्ध की मृत्यु कुशीनगर में हुई, जिसे महापरिनिर्वाण कहा जाता है।
- धर्म चक्र प्रवर्तन: सारनाथ में उन्होंने अपना पहला उपदेश दिया, जिसे धर्म चक्र प्रवर्तन कहा जाता है।
- अष्टांगिक मार्ग: गौतम बुद्ध ने दुखों से मुक्ति पाने के लिए अष्टांगिक मार्ग का उपदेश दिया।
- त्रिरत्न: बुद्ध, धर्म और संघ बौद्ध धर्म के त्रिरत्न हैं।
- बौद्ध संगतियाँ (Buddhist Councils):
- प्रथम बौद्ध संगति: 483 ईसा पूर्व में राजगृह में हुई, जिसकी अध्यक्षता महाकस्सप ने की।
- द्वितीय बौद्ध संगति: 383 ईसा पूर्व में वैशाली में हुई।
- तृतीय बौद्ध संगति: 250 ईसा पूर्व में पाटलिपुत्र में हुई, जिसकी अध्यक्षता मोग्गलिपुत्त तिस्स ने की।
- चतुर्थ बौद्ध संगति: 72 ईस्वी में कुंडलवन (कश्मीर) में हुई, जिसकी अध्यक्षता वसुमित्र ने की।
- हीनयान और महायान: गौतम बुद्ध की मृत्यु के बाद बौद्ध धर्म दो भागों में विभाजित हो गया: हीनयान और महायान। महायान में बुद्ध की मूर्ति पूजा की जाती है।
- अशोक का योगदान: अशोक ने बौद्ध धर्म को विदेशों में फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपने पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा को श्रीलंका भेजा।
जैन धर्म
- महावीर: जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर थे।
- त्रिरत्न: जैन धर्म के त्रिरत्न हैं: सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक चरित्र।
- अहिंसा: जैन धर्म अहिंसा पर विशेष जोर देता है।
मौर्य राजवंश
- चंद्रगुप्त मौर्य: मौर्य राजवंश के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य थे, जिन्होंने धनानंद को हराकर इस वंश की स्थापना की। ग्रीक विद्वानों ने उन्हें सैंड्रोकोट्स कहा है।
- मेगास्थनीज: मेगास्थनीज चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में आया था, जिसने इंडिका नामक पुस्तक लिखी।
- बिन्दुसार: चंद्रगुप्त मौर्य के पुत्र बिन्दुसार थे, जिन्हें अमित्रघात के नाम से भी जाना जाता है।
- अशोक: बिन्दुसार के पुत्र अशोक थे, जिन्होंने कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म अपना लिया। उन्होंने धम्म का प्रचार किया और शिलालेखों के माध्यम से अपने संदेश फैलाए।
- अशोक के शिलालेख: अशोक के शिलालेखों को जेम्स प्रिंसेप ने पढ़ा था।
- मौर्य साम्राज्य का पतन: मौर्य साम्राज्य का पतन बृहद्रथ की हत्या के साथ हुआ, जो पुष्यमित्र शुंग द्वारा की गई थी।
गुप्त राजवंश
- श्री गुप्त: गुप्त राजवंश के संस्थापक श्री गुप्त थे।
- चंद्रगुप्त प्रथम: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश के पहले महत्वपूर्ण शासक थे, जिन्होंने महाराजाधिराज की उपाधि धारण की।
- समुद्रगुप्त: समुद्रगुप्त को भारत का नेपोलियन कहा जाता है। उन्होंने कविराज की उपाधि भी धारण की।
- चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य): चंद्रगुप्त द्वितीय के दरबार में नवरत्न थे, जिनमें कालिदास, आर्यभट्ट और वराहमिहिर शामिल थे। फाह्यान उनके शासनकाल में भारत आया था।
- कुमारगुप्त: कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की।
- स्कंदगुप्त: स्कंदगुप्त ने हूणों को हराया था।
- कालिदास: कालिदास गुप्त काल के प्रसिद्ध कवि थे, जिन्होंने अभिज्ञान शाकुंतलम, मेघदूतम और कुमारसंभवम् जैसे ग्रंथ लिखे।
- आर्यभट्ट: आर्यभट्ट गुप्त काल के प्रसिद्ध गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे।
Conclusion
आज की क्लास में हमने प्राचीन भारतीय इतिहास के तीन महत्वपूर्ण राजवंशों - इंडस वैली सिविलाइजेशन, मौर्य राजवंश और गुप्त राजवंश के बारे में विस्तार से चर्चा की। हमने इन राजवंशों के महत्वपूर्ण शासकों, उनकी उपलब्धियों और उनके समय की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति के बारे में जाना। इसके साथ ही, हमने बौद्ध धर्म और जैन धर्म के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। यह क्लास परीक्षाओं के लिए बहुत उपयोगी है और रिवीजन के लिए महत्वपूर्ण है।
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