BIOMOLECULES in 60 Minutes | Full Chapter Revision | Class 12th JEE
By JEE Wallah
ScienceEducation
Share:
बायो मॉलिक्यूल: विस्तृत सारांश
मुख्य अवधारणाएँ:
- कार्बोहाइड्रेट्स (शर्करा और गैर-शर्करा, मोनोसैकेराइड्स, ओलिगोसैकेराइड्स, पॉलीसैकेराइड्स, एल्डोज, कीटोस, एपिमर, एनोमर्स)
- प्रोटीन (अल्फा-अमीनो एसिड, ज़्विटेरियन, आवश्यक और गैर-आवश्यक अमीनो एसिड, आइसोइलेक्ट्रिक बिंदु, पेप्टाइड लिंकेज, प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक और चतुर्धातुक संरचना, विकृतीकरण)
- न्यूक्लिक एसिड (डीएनए, आरएनए, न्यूक्लियोटाइड, न्यूक्लियोसाइड, बेस पेयरिंग)
- विटामिन (वसा में घुलनशील, पानी में घुलनशील)
- एंजाइम (बायोकैटलिस्ट, सबस्ट्रेट)
- पीओसी (मोलिस्क टेस्ट, बारफोएड टेस्ट, सेलिवाफ टेस्ट, आयोडीन टेस्ट, बायुरेट टेस्ट, निनहाइड्रिन टेस्ट, ज़ैंथोप्रोइक टेस्ट)
1. कार्बोहाइड्रेट्स
- परिभाषा: पॉलीहाइड्रॉक्सी एल्डिहाइड या कीटोन जिनमें कम से कम एक कायरल कार्बन हो।
- वर्गीकरण:
- शर्करा: मीठे, क्रिस्टलीय, पानी में घुलनशील।
- गैर-शर्करा (पॉलीसैकेराइड्स): स्वादहीन, अनाकार, पानी में अघुलनशील।
- मोनोसैकेराइड्स: आगे हाइड्रोलाइज नहीं होते (जैसे, ग्लूकोज, फ्रुक्टोज, राइबोज)।
- ओलिगोसैकेराइड्स: हाइड्रोलाइज करने पर 2-10 मोनोसैकेराइड्स देते हैं (जैसे, सुक्रोज, माल्टोज, लैक्टोज)।
- पॉलीसैकेराइड्स: हाइड्रोलाइज करने पर 10 से अधिक मोनोसैकेराइड्स देते हैं (जैसे, स्टार्च, सेलुलोज, ग्लाइकोजन)।
- कार्बन संख्या के आधार पर वर्गीकरण: ट्रायोज (3 कार्बन), टेट्रोस (4 कार्बन), पेंटोज (5 कार्बन), हेक्सोज (6 कार्बन)।
- एल्डोज बनाम कीटोस: एल्डिहाइड समूह वाले एल्डोज, कीटोन समूह वाले कीटोस। उदाहरण: ग्लूकोज (एल्डोहेक्सोज), फ्रुक्टोज (कीटोहेक्सोज)।
- एपिमर: कार्बोहाइड्रेट्स जो केवल एक कार्बन पर विन्यास में भिन्न होते हैं। उदाहरण: ग्लूकोज और मैनोज (C2 एपिमर), ग्लूकोज और गैलेक्टोज (C4 एपिमर)।
- एनैन्टियोमर: एक दूसरे की दर्पण छवि। डी-ग्लूकोज और एल-ग्लूकोज। डी और एल का निर्धारण अंतिम कायरल कार्बन पर ओएच की स्थिति से होता है।
- एनोमर्स: एनोमेरिक कार्बन पर विन्यास में भिन्न होते हैं (मुख्य कार्यात्मक समूह कार्बन)। अल्फा (ओएच राइट साइड) और बीटा (ओएच लेफ्ट साइड)।
- ग्लूकोज:
- मीठे फलों, शहद और पके अंगूरों में पाया जाता है।
- तैयारी: सुक्रोज (α-D-ग्लूकोज + β-D-फ्रुक्टोज) या स्टार्च का हाइड्रोलिसिस।
- रासायनिक अभिक्रियाएँ:
- HI के साथ: सामान्य हेक्सेन।
- HCN के साथ: सायनोहाइड्रिन।
- Br2 जल के साथ: ग्लुकोनिक एसिड (एल्डिहाइड समूह का ऑक्सीकरण)।
- HNO3 के साथ: ग्लुकेरिक एसिड (ऊपर और नीचे दोनों का ऑक्सीकरण)।
- एसिटिक एनहाइड्राइड के साथ: पेंटाएसिटेट (5 ओएच समूहों की उपस्थिति का संकेत)।
- NaBH4 के साथ: सोर्बिटोल (एल्डिहाइड का अल्कोहल में अपचयन)।
- चक्रीय संरचना: हेमीएसिटल गठन के कारण। C5 और C1 कार्बन प्रतिक्रिया करते हैं।
- हॉवर्थ संरचना: छह-सदस्यीय रिंग (पाइरानोस) या पांच-सदस्यीय रिंग (फ्यूरानोस)। दाईं ओर के समूह नीचे की ओर, बाईं ओर के समूह ऊपर की ओर।
- ओसाजोन गठन: फेनिलहाइड्राज़ीन के साथ प्रतिक्रिया। C2 एपिमर (जैसे, ग्लूकोज, फ्रुक्टोज और मैनोज) समान ओसाजोन बनाते हैं।
- म्यूटारोटेशन: जलीय घोल में α और β एनोमर्स के बीच संतुलन।
- रिड्यूसिंग शुगर: फेलिंग, टॉलेन और बेनेडिक्ट समाधानों को कम करते हैं। हेमीएसिटल समूह की उपस्थिति आवश्यक है। सुक्रोज को छोड़कर सभी मोनोसैकेराइड्स रिड्यूसिंग शुगर हैं।
- लोब्री-डी ब्रुइन-वैन एकेंस्टीन परिवर्तन: डी-ग्लूकोज, डी-फ्रुक्टोज और डी-मैनोज के बीच टौटोमेरिज़ेशन।
- रूफ डिग्रेडेशन: कार्बन परमाणुओं की संख्या कम करता है। Br2/H2O के साथ प्रतिक्रिया के बाद Fe2(SO4)3 के साथ H2O2 के साथ प्रतिक्रिया।
- किलियानी-फिशर संश्लेषण: कार्बन परमाणुओं की संख्या बढ़ाता है। HCN के साथ प्रतिक्रिया के बाद हाइड्रोलिसिस।
- डाइसैकेराइड्स:
- सुक्रोज: ग्लूकोज और फ्रुक्टोज से बना है। C1-C2 लिंकेज। गैर-रिड्यूसिंग शुगर। हाइड्रोलिसिस पर, यह डेक्सट्रो से लीवो में रोटेशन में बदलाव दिखाता है, इसलिए इसे इनवर्ट शुगर कहा जाता है।
- माल्टोज: दो ग्लूकोज इकाइयों से बना है। C1-C4 लिंकेज। रिड्यूसिंग शुगर।
- लैक्टोज: गैलेक्टोज और ग्लूकोज से बना है। C1-C4 लिंकेज। रिड्यूसिंग शुगर।
- पॉलीसैकेराइड्स:
- स्टार्च: α-D-ग्लूकोज का बहुलक। दो घटक: एमाइलोज (अशाखित, C1-C4 लिंकेज) और एमाइलोपेक्टिन (शाखित, C1-C4 और C1-C6 लिंकेज)।
- सेलुलोज: β-D-ग्लूकोज का बहुलक। C1-C4 लिंकेज।
- ग्लाइकोजन: पशु स्टार्च। एमाइलोपेक्टिन के समान संरचना लेकिन अधिक शाखित।
2. प्रोटीन
- परिभाषा: α-अमीनो एसिड के बहुलक।
- अमीनो एसिड: अमीनो समूह और कार्बोक्सिलिक एसिड समूह दोनों होते हैं।
- ज़्विटेरियन: एक द्विध्रुवीय आयन जिसमें एक ही अणु में धनात्मक और ऋणात्मक आवेश दोनों होते हैं।
- वर्गीकरण:
- आवश्यक अमीनो एसिड: शरीर द्वारा संश्लेषित नहीं किया जा सकता, आहार से प्राप्त किया जाना चाहिए।
- गैर-आवश्यक अमीनो एसिड: शरीर द्वारा संश्लेषित किया जा सकता है।
- अम्लीय, बुनियादी और तटस्थ अमीनो एसिड: कार्बोक्सिलिक और अमीनो समूहों की संख्या के आधार पर।
- पीएच का प्रभाव: पीएच के आधार पर अमीनो एसिड कटियन या आयन के रूप में मौजूद हो सकते हैं।
- आइसोइलेक्ट्रिक बिंदु: वह पीएच जिस पर अमीनो एसिड पर कोई शुद्ध आवेश नहीं होता है।
- पेप्टाइड लिंकेज: दो अमीनो एसिड के बीच एक एमाइड लिंकेज।
- प्रोटीन की संरचना:
- प्राथमिक: अमीनो एसिड का अनुक्रम।
- द्वितीयक: आकार (α-हेलिक्स और β-प्लेटेड शीट)। α-हेलिक्स में इंट्रा-आणविक हाइड्रोजन बॉन्डिंग होती है, जबकि β-प्लेटेड शीट में अंतर-आणविक हाइड्रोजन बॉन्डिंग होती है।
- तृतीयक: समग्र 3डी आकार।
- चतुर्धातुक: दो या दो से अधिक पॉलीपेप्टाइड श्रृंखलाओं की व्यवस्था।
- विकृतीकरण: भौतिक या रासायनिक परिवर्तनों के कारण प्रोटीन की द्वितीयक, तृतीयक और चतुर्धातुक संरचनाओं का विघटन। प्राथमिक संरचना बरकरार रहती है।
- फाइब्रस प्रोटीन: पॉलीपेप्टाइड श्रृंखलाएं समानांतर होती हैं और हाइड्रोजन बॉन्ड और डाइसल्फ़ाइड बॉन्ड द्वारा एक साथ रखी जाती हैं। पानी में अघुलनशील। उदाहरण: केराटिन, मायोसिन।
- ग्लोबुलर प्रोटीन: पॉलीपेप्टाइड श्रृंखलाएं कुंडलित होकर गोलाकार आकार बनाती हैं। आमतौर पर पानी में घुलनशील। उदाहरण: इंसुलिन, एल्ब्यूमिन।
3. न्यूक्लिक एसिड
- परिभाषा: न्यूक्लियोटाइड के बहुलक।
- प्रकार: डीएनए (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) और आरएनए (राइबोन्यूक्लिक एसिड)।
- घटक: पेंटोज शुगर, फॉस्फोरिक एसिड और नाइट्रोजनस बेस।
- बेस:
- डीएनए: एडेनिन (ए), थाइमिन (टी), साइटोसिन (सी), गुआनिन (जी)। ए और टी के बीच दो हाइड्रोजन बॉन्ड, सी और जी के बीच तीन हाइड्रोजन बॉन्ड।
- आरएनए: एडेनिन (ए), यूरेसिल (यू), साइटोसिन (सी), गुआनिन (जी)।
- न्यूक्लियोसाइड: पेंटोज शुगर + बेस।
- न्यूक्लियोटाइड: पेंटोज शुगर + बेस + फॉस्फोरिक एसिड।
- फॉस्फोडिएस्टर लिंकेज: 3' और 5' कार्बन परमाणुओं के बीच।
- आरएनए के प्रकार: मैसेंजर आरएनए (एमआरएनए), राइबोसोमल आरएनए (आरआरएनए), ट्रांसफर आरएनए (टीआरएनए)।
4. विटामिन
- परिभाषा: आवश्यक पोषक तत्व जो शरीर को कम मात्रा में चाहिए होते हैं।
- वर्गीकरण:
- वसा में घुलनशील: ए, डी, ई, के। यकृत और वसा ऊतक में संग्रहीत।
- पानी में घुलनशील: बी और सी। मूत्र में आसानी से उत्सर्जित होते हैं, इसलिए नियमित आहार सेवन की आवश्यकता होती है।
- विभिन्न विटामिनों की कमी से होने वाली बीमारियों का उल्लेख किया गया है।
5. एंजाइम
- परिभाषा: बायोकैटलिस्ट।
- प्रकृति: ग्लोबुलर प्रोटीन।
- क्रियाविधि: एंजाइम और सबस्ट्रेट एक मध्यवर्ती बनाते हैं, जिससे उत्पाद बनता है।
6. पीओसी (प्रैक्टिकल ऑर्गेनिक केमिस्ट्री)
- कार्बोहाइड्रेट के लिए परीक्षण:
- मोलिस्क परीक्षण: कार्बोहाइड्रेट की उपस्थिति का पता लगाता है। सांद्र H2SO4 के साथ प्रतिक्रिया पर एक बैंगनी वलय बनता है।
- बारफोएड परीक्षण: मोनोसैकेराइड्स की पहचान करता है। क्यूप्रस ऑक्साइड का लाल अवक्षेप बनता है।
- सेलिवाफ परीक्षण: कीटोस और एल्डोज के बीच अंतर करता है। कीटोस लाल रंग देते हैं, एल्डोज धीरे-धीरे रंग देते हैं।
- आयोडीन परीक्षण: पॉलीसैकेराइड्स की पहचान करता है। स्टार्च नीला रंग देता है।
- तेल और वसा के लिए परीक्षण:
- ग्लिसरॉल को सोडियम या पोटेशियम हाइड्रोजन सल्फेट के साथ गर्म करने पर एक्रिलएल्डिहाइड बनता है।
- प्रोटीन के लिए परीक्षण:
- बाइयूरेट परीक्षण: पेप्टाइड बॉन्ड की उपस्थिति का पता लगाता है। क्षारीय कॉपर सल्फेट के साथ प्रतिक्रिया पर एक बैंगनी रंग का परिसर बनता है।
- निन्हड्रिन परीक्षण: प्रोटीन के साथ प्रतिक्रिया पर एक नीला-बैंगनी रंग बनता है।
- ज़ैंथोप्रोइक परीक्षण: सांद्र HNO3 के साथ प्रतिक्रिया पर एरोमैटिक अमीनो एसिड नारंगी रंग देते हैं।
निष्कर्ष:
यह अध्याय बायोमोलेक्यूल्स के विभिन्न पहलुओं को शामिल करता है, जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, न्यूक्लिक एसिड, विटामिन और एंजाइम शामिल हैं। यह उनके वर्गीकरण, संरचना, कार्यों और पहचान के लिए महत्वपूर्ण परीक्षणों पर प्रकाश डालता है। यह जानकारी जेईई मेन और एडवांस जैसी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जहां इन अवधारणाओं से सीधे प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
Chat with this Video
AI-PoweredHi! I can answer questions about this video "BIOMOLECULES in 60 Minutes | Full Chapter Revision | Class 12th JEE". What would you like to know?
Chat is based on the transcript of this video and may not be 100% accurate.