28-02-2025 A | General Studies | ESE
By gateprep 1o1
क्रिस्टलोग्राफी: लैटिस, क्रिस्टल, यूनिट सेल और मिलर इंडिसेस
Key Concepts:
- लैटिस (Lattice): त्रिविमीय (three-dimensional) स्थान में बिंदुओं की आवधिक (periodic) व्यवस्था।
- क्रिस्टल (Crystal): त्रिविमीय स्थान में परमाणुओं (atoms) या परमाणुओं के समूह (group of atoms) की आवधिक व्यवस्था।
- मोटिफ/बेसिस (Motif/Basis): वह परमाणु या परमाणुओं का समूह जो प्रत्येक लैटिस बिंदु से जुड़ा होता है।
- लैटिस ट्रांसलेशन (Lattice Translation): एक लैटिस बिंदु से दूसरे लैटिस बिंदु तक कोई भी वेक्टर।
- यूनिट सेल (Unit Cell): अंतरिक्ष का वह सबसे छोटा क्षेत्र जिसे लैटिस ट्रांसलेशन के माध्यम से दोहराकर पूरे लैटिस को उत्पन्न किया जा सकता है।
- प्रिमिटिव यूनिट सेल (Primitive Unit Cell): वह यूनिट सेल जिसमें लैटिस बिंदु केवल कोनों पर होते हैं।
- नॉन-प्रिमिटिव यूनिट सेल (Non-Primitive Unit Cell): वह यूनिट सेल जिसमें लैटिस बिंदु कोनों के साथ-साथ अन्य स्थानों पर भी होते हैं।
- क्रिस्टल कोऑर्डिनेट सिस्टम (Crystal Coordinate System): यूनिट सेल के एक कोने को मूल (origin) के रूप में चुनना और यूनिट सेल के किनारों के साथ वेक्टर को आधार वेक्टर (basis vectors) के रूप में परिभाषित करना।
- लैटिस पैरामीटर (Lattice Parameter): यूनिट सेल के आकार और आकार को परिभाषित करने वाले छह पैरामीटर: a, b, c (किनारों की लंबाई) और α, β, γ (अंतर-अक्षीय कोण)।
- क्रिस्टल सिस्टम (Crystal System): लैटिस पैरामीटर के बीच संबंधों के आधार पर यूनिट सेल का वर्गीकरण (कुल 7 क्रिस्टल सिस्टम)।
- स्पेस लैटिस (Space Lattice): अंतरिक्ष में बिंदुओं की व्यवस्था (कुल 14 ब्रेविस लैटिस)।
- कोऑर्डिनेशन नंबर (Coordination Number): किसी भी माने गए परमाणु के संबंध में निकटतम और समान दूरी वाले परमाणुओं की संख्या।
- एटॉमिक पैकिंग फैक्टर (Atomic Packing Factor - APF): यूनिट सेल में परमाणुओं का आयतन (volume) और यूनिट सेल के कुल आयतन का अनुपात।
- मिलर इंडिसेस (Miller Indices): क्रिस्टलोग्राफिक दिशाओं और विमानों को दर्शाने के लिए उपयोग की जाने वाली संख्यात्मक प्रणाली।
1. लैटिस और क्रिस्टल के बीच अंतर:
- लैटिस एक ज्यामितीय अवधारणा (geometric concept) है, जो केवल ज्यामितीय गुणों (geometric properties) को प्रदर्शित करती है।
- क्रिस्टल एक भौतिक वस्तु (physical object) है, जो भौतिक गुणों (physical properties) जैसे द्रव्यमान (mass), घनत्व (density), विद्युत चालकता (electrical conductivity) को प्रदर्शित करती है।
- क्रिस्टल = लैटिस + मोटिफ (या बेसिस)
- मोटिफ बताता है कि क्या दोहराना है (What to repeat), जबकि लैटिस बताता है कि कैसे दोहराना है (How to repeat)।
2. यूनिट सेल के प्रकार और गुण:
- यूनिट सेल एक अद्वितीय अवधारणा नहीं है (Unit cell is not a unique concept); एक ही लैटिस के लिए अलग-अलग यूनिट सेल हो सकती हैं। इसे यूनिट सेल की गैर-विशिष्टता (Non-uniqueness of unit cell) कहा जाता है।
- प्रिमिटिव यूनिट सेल में लैटिस बिंदु केवल कोनों पर होते हैं।
- नॉन-प्रिमिटिव यूनिट सेल में लैटिस बिंदु कोनों के साथ-साथ अन्य स्थानों पर भी होते हैं।
3. क्रिस्टल कोऑर्डिनेट सिस्टम और लैटिस पैरामीटर:
- क्रिस्टल कोऑर्डिनेट सिस्टम को परिभाषित करने के लिए, यूनिट सेल के एक कोने को मूल (origin) के रूप में चुना जाता है।
- कोने से यूनिट सेल के किनारों के साथ वेक्टर आधार वेक्टर (basis vectors) बनाते हैं।
- लैटिस पैरामीटर (a, b, c, α, β, γ) यूनिट सेल को चिह्नित करने के लिए आवश्यक हैं।
4. सात क्रिस्टल सिस्टम:
सात क्रिस्टल सिस्टम लैटिस पैरामीटर के बीच संबंधों पर आधारित हैं:
| क्रिस्टल सिस्टम (Crystal System) | एजेस (Edges) | एंगल्स (Angles) | | :----------------------------- | :----------------------- | :--------------------------------------------- | | क्यूबिक (Cubic) | a = b = c | α = β = γ = 90° | | टेट्रागोनल (Tetragonal) | a = b ≠ c | α = β = γ = 90° | | ऑर्थोरोम्बिक (Orthorhombic) | a ≠ b ≠ c | α = β = γ = 90° | | हेक्सागोनल (Hexagonal) | a = b ≠ c | α = β = 90°, γ = 120° | | रोम्बोहेड्रल (Rhombohedral) | a = b = c | α = β = γ ≠ 90° | | मोनोक्लिनिक (Monoclinic) | a ≠ b ≠ c | α = γ = 90°, β ≠ 90° | | ट्राईक्लिनिक (Triclinic) | a ≠ b ≠ c | α ≠ β ≠ γ ≠ 90° |
- ट्राईक्लिनिक क्रिस्टल सिस्टम को दर्शाने के लिए सभी छह पैरामीटर की आवश्यकता होती है।
- ट्राईक्लिनिक क्रिस्टल सिस्टम सबसे असममित (asymmetric) है, जबकि क्यूबिक सबसे सममित (symmetric) है।
5. क्यूबिक क्रिस्टल सिस्टम का विस्तृत अध्ययन:
-
परमाणुओं को कठोर और गोलाकार (hard and spherical) माना जाता है।
-
सिंपल क्यूबिक (Simple Cubic - SC):
- परमाणु केवल क्यूब के कोनों पर स्थित होते हैं।
- उदाहरण: मैंगनीज (Mn), पोलोनियम (Po)।
- कोऑर्डिनेशन नंबर: 6
- इफेक्टिव नंबर ऑफ एटम्स पर यूनिट सेल: 1
- एटॉमिक रेडियस और लैटिस पैरामीटर संबंध: r = a/2
- एटॉमिक पैकिंग फैक्टर: 0.52 या 52%
-
बॉडी सेंटर्ड क्यूबिक (Body-Centered Cubic - BCC):
- कोनों के साथ-साथ क्यूब के केंद्र में एक परमाणु स्थित होता है।
- उदाहरण: अल्फा आयरन (α-Fe), क्रोमियम (Cr), टंगस्टन (W)।
- कोऑर्डिनेशन नंबर: 8
- इफेक्टिव नंबर ऑफ एटम्स पर यूनिट सेल: 2
- एटॉमिक रेडियस और लैटिस पैरामीटर संबंध: r = (√3/4)a
- एटॉमिक पैकिंग फैक्टर: 0.68 या 68%
-
फेस सेंटर्ड क्यूबिक (Face-Centered Cubic - FCC):
- कोनों के साथ-साथ प्रत्येक फलक (face) के केंद्र में एक परमाणु स्थित होता है।
- उदाहरण: कॉपर (Cu), एल्यूमीनियम (Al), गोल्ड (Au), सिल्वर (Ag)।
- कोऑर्डिनेशन नंबर: 12
- इफेक्टिव नंबर ऑफ एटम्स पर यूनिट सेल: 4
- एटॉमिक रेडियस और लैटिस पैरामीटर संबंध: r = (√2/4)a
- एटॉमिक पैकिंग फैक्टर: 0.74 या 74%
- वॉल्यूम ऑफ FCC यूनिट सेल: 16√2 r³
-
डायमंड क्यूबिक (Diamond Cubic - DC):
- क्यूब के कोनों पर परमाणु, प्रत्येक फलक के केंद्र में और क्यूब के अंदर चार परमाणु टेट्राहेड्रल स्थिति में।
- उदाहरण: डायमंड (C), सिलिकॉन (Si), जर्मेनियम (Ge)।
- कोऑर्डिनेशन नंबर: 4
- इफेक्टिव नंबर ऑफ एटम्स पर यूनिट सेल: 8
- एटॉमिक रेडियस और लैटिस पैरामीटर संबंध: r = (√3/8)a
- एटॉमिक पैकिंग फैक्टर: 0.34 या 34%
- कम पैकिंग दक्षता बंधन की दिशात्मक प्रकृति (directional nature) के कारण होती है।
-
हेक्सागोनल क्लोज्ड पैक (Hexagonal Closed Packed - HCP):
- a = b ≠ c, α = β = 90°, γ = 120°
- उदाहरण: मैग्नीशियम (Mg), जिंक (Zn), कैडमियम (Cd), कोबाल्ट (Co)।
- कोऑर्डिनेशन नंबर: 12
- इफेक्टिव नंबर ऑफ एटम्स पर यूनिट सेल: 6
- c/a अनुपात: 1.63
- एटॉमिक पैकिंग फैक्टर: 0.74 या 74% (FCC के समान)
-
6. डेंसिटी कैलकुलेशन:
- सैद्धांतिक घनत्व (Theoretical density) की गणना निम्न सूत्र का उपयोग करके की जा सकती है:
- ρ = (n * A) / (Na * Vc)
- n = यूनिट सेल में परमाणुओं की प्रभावी संख्या
- A = धातु का परमाणु भार
- Na = अवोगाद्रो संख्या (6.023 x 10^23 परमाणु/मोल)
- Vc = यूनिट सेल का आयतन
- ρ = (n * A) / (Na * Vc)
7. क्रिस्टलोग्राफिक दिशाओं के लिए मिलर इंडिसेस:
- क्रिस्टलोग्राफिक दिशा एक वेक्टर है जिसे दो बिंदुओं के बीच निर्देशित रेखा के रूप में परिभाषित किया गया है।
- मिलर इंडिसेस दिशाओं को संख्यात्मक रूप से दर्शाने का एक तरीका है।
- मिलर इंडिसेस की गणना के लिए चरण:
- दी गई रेखा पर एक बिंदु को मूल (origin) के रूप में चुनें।
- लैटिस पैरामीटर के संदर्भ में रेखा पर किसी अन्य बिंदु के निर्देशांक निर्धारित करें।
- a, b, c को छोड़ दें और केवल a, b, c के गुणकों (multiples) पर विचार करें।
- यदि आवश्यक हो तो उपरोक्त गुणकों को पूर्णांकों (integers) के सबसे छोटे सेट में बदलें और उन्हें बिना अल्पविराम (comma) के वर्ग कोष्ठक (square brackets) में रखें।
- सभी समानांतर दिशाओं (parallel directions) में समान मिलर इंडिसेस होते हैं।
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