01-03-2025 A | General Studies | ESE

By gateprep 1o1

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Key Concepts

  • एलॉय (Alloy): दो या दो से अधिक तत्वों का मिश्रण, जिसमें रासायनिक बंधन नहीं होता।
  • कंपाउंड (Compound): दो या दो से अधिक तत्वों का मिश्रण, जिसमें रासायनिक बंधन होता है।
  • सॉलिड सॉल्यूशन (Solid Solution): एक ठोस पदार्थ जिसमें एक या अधिक तत्व घुले हुए होते हैं।
  • सॉल्वेंट (Solvent): सॉलिड सॉल्यूशन में अधिक मात्रा में मौजूद तत्व।
  • सॉल्यूट (Solute): सॉलिड सॉल्यूशन में कम मात्रा में मौजूद तत्व।
  • सब्सीट्यूशनल सॉलिड सॉल्यूशन (Substitutional Solid Solution): एक प्रकार का सॉलिड सॉल्यूशन जिसमें सॉल्यूट एटम सॉल्वेंट एटम की जगह लेता है।
  • इंटरस्टिशल सॉलिड सॉल्यूशन (Interstitial Solid Solution): एक प्रकार का सॉलिड सॉल्यूशन जिसमें सॉल्यूट एटम सॉल्वेंट एटम के बीच की जगह में प्रवेश करता है।
  • ह्यूम रोथी रूल्स (Hume-Rothery Rules): नियमों का एक सेट जो बताता है कि एक तत्व दूसरे तत्व में कितनी अच्छी तरह से घुल जाएगा।
  • डिफ्यूजन (Diffusion): उच्च सांद्रता वाले क्षेत्र से निम्न सांद्रता वाले क्षेत्र में परमाणुओं की गति।
  • फिक्स फर्स्ट लॉ (Fick's First Law): डिफ्यूजन की दर को सांद्रता ग्रेडिएंट से संबंधित करता है।
  • फिक्स सेकंड लॉ (Fick's Second Law): समय के साथ सांद्रता में परिवर्तन का वर्णन करता है।
  • स्टेडी स्टेट (Steady State): एक ऐसी स्थिति जिसमें समय के साथ सिस्टम में परिवर्तन नहीं होता है।
  • सेरामिक्स (Ceramics): अकार्बनिक, गैर-धातु सामग्री जो उच्च तापमान पर गर्म करके बनाई जाती है।
  • कोऑर्डिनेशन नंबर (Coordination Number): एक परमाणु के निकटतम पड़ोसियों की संख्या।
  • रेडियस रेशियो रूल (Radius Ratio Rule): आयनिक क्रिस्टल संरचनाओं में कटियन और आयनों के आकार के आधार पर समन्वय संख्या की भविष्यवाणी करने के लिए उपयोग किया जाने वाला नियम।

एलॉय और कंपाउंड के बीच अंतर

  • परिभाषा:
    • एलॉय: दो या दो से अधिक तत्वों का मिश्रण जिसमें रासायनिक बंधन नहीं होता। इसे सॉलिड सॉल्यूशन भी कहा जाता है।
    • कंपाउंड: दो या दो से अधिक तत्वों का मिश्रण जिसमें रासायनिक बंधन होता है।
  • शुद्धता:
    • एलॉय: मटेरियल का इंप्योर फॉर्म।
    • कंपाउंड: मटेरियल का प्योर फॉर्म।
  • रासायनिक बंधन:
    • एलॉय: तत्वों के बीच कोई रासायनिक बंधन नहीं होता।
    • कंपाउंड: तत्वों के बीच रासायनिक बंधन होता है।
  • वेट प्रतिशत:
    • एलॉय: घटकों का वेट प्रतिशत बदला जा सकता है।
    • कंपाउंड: घटकों का वेट प्रतिशत निश्चित होता है।
  • रासायनिक सूत्र:
    • एलॉय: कोई रासायनिक सूत्र नहीं होता।
    • कंपाउंड: एक निश्चित रासायनिक सूत्र होता है।
  • क्रिस्टल संरचना:
    • एलॉय: क्रिस्टल संरचना मूल स्वरूप को बनाए रखने की कोशिश करती है।
    • कंपाउंड: एक अद्वितीय और निश्चित क्रिस्टल संरचना होती है।
  • भौतिक गुण:
    • एलॉय: भौतिक गुण घटकों के बीच मध्यवर्ती होते हैं।
    • कंपाउंड: भौतिक गुण घटकों से अलग हो सकते हैं।
  • घटकों का पृथक्करण:
    • एलॉय: घटकों को पिघलाकर अलग किया जा सकता है।
    • कंपाउंड: घटकों को रासायनिक प्रतिक्रियाओं के माध्यम से अलग किया जा सकता है।

सॉलिड सॉल्यूशन

  • सॉलिड सॉल्यूशन तब बनता है जब सॉल्यूट एटम सॉल्वेंट में मिलाए जाते हैं और क्रिस्टल संरचना सॉल्वेंट के समान ही बनी रहती है।
  • सॉल्यूट की मात्रा तापमान पर निर्भर करती है और तापमान बढ़ने के साथ बढ़ती है।
  • सॉलिड सॉल्यूशन दो प्रकार के होते हैं: सब्सीट्यूशनल और इंटरस्टिशल।

सब्सीट्यूशनल सॉलिड सॉल्यूशन

  • सॉल्यूट एटम सॉल्वेंट एटम की जगह लेता है।
  • सॉल्यूट एटम का आकार सॉल्वेंट एटम के समान होना चाहिए।
  • उदाहरण: कॉपर और निकिल (मोनल), कॉपर और जिंक (ब्रास)।

ह्यूम रोथी रूल्स

ह्यूम रोथी रूल्स बताते हैं कि एक तत्व दूसरे तत्व में कितनी अच्छी तरह से घुल जाएगा:

  1. एटॉमिक साइज फैक्टर: सॉल्यूट और सॉल्वेंट एटम के एटॉमिक रेडियस में अंतर 15% से कम होना चाहिए।
  2. क्रिस्टल स्ट्रक्चर: सॉल्यूट और सॉल्वेंट का क्रिस्टल स्ट्रक्चर समान होना चाहिए।
  3. इलेक्ट्रोनेगेटिविटी फैक्टर: इलेक्ट्रोनेगेटिविटी में अंतर कम होना चाहिए।
  4. वैलेंसी: एक धातु में उच्च वैलेंसी वाले दूसरे धातु को घोलने की अधिक प्रवृत्ति होती है।

इंटरस्टिशल सॉलिड सॉल्यूशन

  • सॉल्यूट एटम सॉल्वेंट एटम के बीच की जगह में प्रवेश करता है।
  • सॉल्यूट एटम का आकार इंटरस्टिशल वॉइड के आकार के बराबर या उससे कम होना चाहिए।
  • उदाहरण: कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन।
  • एफसीसी और एचसीपी क्रिस्टल संरचनाओं में, इंटरस्टिशल वॉइड का आकार 0.41R होता है।
  • बीसीसी क्रिस्टल संरचनाओं में, इंटरस्टिशल वॉइड का आकार 0.29R होता है।

डिफ्यूजन

  • डिफ्यूजन एक प्रक्रिया है जिसमें परमाणु उच्च सांद्रता वाले क्षेत्र से निम्न सांद्रता वाले क्षेत्र में जाते हैं।
  • डिफ्यूजन के लिए ड्राइविंग फोर्स सांद्रता ग्रेडिएंट है।
  • सॉलिड स्टेट डिफ्यूजन मास ट्रांसपोर्ट का एक साधन है।
  • डिफ्यूजन दो प्रकार के होते हैं: इंटर डिफ्यूजन और सेल्फ डिफ्यूजन।
    • इंटर डिफ्यूजन: एक धातु के परमाणु दूसरे धातु में फैलते हैं।
    • सेल्फ डिफ्यूजन: एक ही धातु के परमाणु फैलते हैं।
  • डिफ्यूजन मैकेनिज्म दो प्रकार के होते हैं: वेकेंसी डिफ्यूजन और इंटरस्टिशल डिफ्यूजन।
    • वेकेंसी डिफ्यूजन: परमाणु एक वेकेंसी की जगह लेते हैं।
    • इंटरस्टिशल डिफ्यूजन: परमाणु एक इंटरस्टिशल स्थिति से दूसरी इंटरस्टिशल स्थिति में जाते हैं।
  • डिफ्यूजन को दो तरह से वर्गीकृत किया जा सकता है: माइक्रोस्कोपिक और मैक्रोस्कोपिक।
    • माइक्रोस्कोपिक डिफ्यूजन: परमाणु कम दूरी तय करते हैं।
    • मैक्रोस्कोपिक डिफ्यूजन: परमाणु लंबी दूरी तय करते हैं।

फिक्स लॉ

  • फिक्स फर्स्ट लॉ: J = -D (dC/dx)
    • J: डिफ्यूजन फ्लक्स
    • D: डिफ्यूजन कोएफिशिएंट
    • dC/dx: सांद्रता ग्रेडिएंट
  • फिक्स सेकंड लॉ: ∂C/∂t = D (∂²C/∂x²)
    • C: सांद्रता
    • t: समय
    • x: दूरी

सेरामिक्स

  • सेरामिक्स अकार्बनिक, गैर-धातु सामग्री हैं जो उच्च तापमान पर गर्म करके बनाई जाती हैं।
  • सेरामिक्स आमतौर पर धातु और गैर-धातु तत्वों के बीच कंपाउंड होते हैं।
  • सेरामिक्स दो प्रकार के होते हैं: पारंपरिक और इंजीनियरिंग।
    • पारंपरिक सेरामिक्स: मिट्टी आधारित उत्पाद।
    • इंजीनियरिंग सेरामिक्स: अपेक्षाकृत शुद्ध ऑक्साइड, कार्बाइड और नाइट्राइड।
  • सेरामिक्स के उदाहरण: एलुमिना (Al2O3), सिलिकॉन नाइट्राइड (Si3N4), जिरकोनिया (ZrO2), सिलिकॉन कार्बाइड (SiC)।

आयनिक पैकिंग थ्योरी

  • आयनिक पैकिंग थ्योरी का उपयोग आयनिक क्रिस्टल संरचनाओं में आयनों की व्यवस्था का वर्णन करने के लिए किया जाता है।
  • थ्योरी मानती है कि आयनिक क्रिस्टल सकारात्मक और नकारात्मक आयनों से बने होते हैं।
  • क्रिस्टल में आयनों की पैकिंग दो मानदंडों द्वारा शासित होती है:
    1. प्रत्येक घटक आयन पर विद्युत आवेश का परिमाण।
    2. कटियन और आयनों का सापेक्ष आकार।
  • कोऑर्डिनेशन नंबर कटियन और आयनों के सापेक्ष आकार पर निर्भर करता है।
  • रेडियस रेशियो रूल का उपयोग आयनिक क्रिस्टल संरचनाओं में कटियन और आयनों के आकार के आधार पर समन्वय संख्या की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता है।
  • रेडियस रेशियो रूल के अपवाद हैं, जैसे जिंक सल्फाइड (ZnS)।
  • कुछ सामान्य सेरामिक क्रिस्टल संरचनाओं में रॉक सॉल्ट (NaCl), कोरंडम (Al2O3), पेरोव्स्काइट (BaTiO3), जिंक ब्लेंड (ZnS) और स्पाइनल (MgAl2O4) शामिल हैं।

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